अगर आप खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना देख रहे हैं या स्वरोजगार की तलाश में हैं, तो प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) आपके लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार बेरोजगार युवाओं को बिना किसी गारंटी के आसान शर्तों पर लोन प्रदान कर रही है। आवेदन करने के लिए आपके पास सिर्फ आधार कार्ड और कुछ आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए।
क्या है PMEGP योजना जानें
PMEGP (Prime Minister’s Employment Generation Programme) केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही एक प्रमुख योजना है, जिसे खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के माध्यम से संचालित किया जाता है इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना और स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है।
• मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए अधिकतम ₹25 लाख तक
• सर्विस सेक्टर के लिए अधिकतम ₹10 लाख तक लोन
• सरकारी सब्सिडी: 15% से लेकर 35% तक
• पात्रता
PMEGP योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होना जरुरी हैं
• आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए
• कम से कम 8वीं कक्षा तक की शिक्षा अनिवार्य
• और पहले किसी दूसरे सरकारी सब्सिडी नहीं लिए हो
• ये योजना सिर्फ और सिर्फ नई वेबसाइट शुरू करवाने वालों के लिए है।
• जरूरी दस्तावेज
PMEGP लोन आवेदन के लिए इन दस्तावेजों का होना जरूरी है
• आधार कार्ड, पैन कार्ड
• शैक्षणिक प्रमाण पत्र (कम से कम 8वीं पास)
• प्रोजेक्ट रिपोर्ट
• पासपोर्ट साइज फोटो
• जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
• निवास प्रमाण पत्र
• बैंक पासबुक की प्रति
• उद्यम आधार पंजीकरण प्रमाणपत्र
• सभी दस्तावेजों को स्कैन करके वेबसाइट पर अपलोड करना होता है।
PMEGP Loan आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया जानें
1. PMEGP की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
2. “Online Application for Individual” पर क्लिक करें
3. आवेदन फॉर्म भरें – नाम, पता, मोबाइल नंबर, बैंक जानकारी, प्रोजेक्ट डिटेल्स
4. जरूरी दस्तावेज अपलोड करें और फॉर्म सबमिट करें
5. आवेदन सबमिट करने के बाद आपको एक Application ID मिलेगा
6. इसके पश्चात जिला टास्क फोर्स समिति द्वारा साक्षात्कार लिया जाएगा।
7. चयन होने पर बैंक द्वारा लोन और सब्सिडी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी
PMEGP योजना के क्या-क्या फायदे हैं
• बिना किसी गारंटी के लोन प्राप्त
• सरकारी सब्सिडी से लोन चुकाने में राहत
• कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध
• आवेदन और प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन
• ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए उपयुक्त
• आत्मनिर्भर भारत और स्वरोजगार को बढ़ावा